राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना (RGESS)
राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना की शुरुआत 23 नवंबर 2012 को सरकार ने की थी जिसमें पहली बार प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने वाले निवेशक के लिए प्रारंभ की गई यह उन नए निवेशकों को अधिकतम ₹50000 तक का निवेश के लिए टैक्स लाभ देती है जिसकी आए 1000000 प्रति वर्ष तक है निवेशक को उस वर्ष के लिए टैक्स योग्य आय से निवेश a83 कि 50% छूट मिलेगी
Rajiv गांधी इक्विटी बचत योजना की मुख्य विशेषता निम्न है
- यह योजना अस्थाई खाता संख्या के आधार पर नए खुदरा निवेशक के लिए हैं
- टैक्स छूट आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत स्वीकृति एक लाख की सीमा के अतिरिक्त होगी
- निवेशकों के लिए 50% तक टैक्स छूट के अलावा डिविडेंड अभी कर मुक्त होगा
- बीएसई 100 या सी एन एक्स 100 के तहत सूचीबद्ध सभी स्टाफ के सरकारी क्षेत्र उपकर्म जो नवरत्न या महारत्न यामिनी रतन कंपनियां है ही पात्र होंगे
- सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव जो संबंधित वित्त वर्ष में सूचीबद्ध करने के लिए अनुसूचित किए गए हैं और जिनका वार्षिक कारोबार तत्कालिक पूर्व 3 वर्षों में प्रत्येक के लिए 4000 करोड़ से कम नहीं है वह भी पात्र होंगे
- ईटीएफ और म्यूचुअल फंड जिनकी अंतर्निहित आर जी ई एम ए पात्र प्रतिभूतियां हैं तथा जो सूचीबद्ध हैं तथा जिसका स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार होता है तथा जिनका निपटारा नीचे का कार्यक्रम के माध्यम से किया जाता है को विविधीकरण का लाभ तथा परिणाम स्वरूप जोखिम न्यूनीकरण का लाभ प्रदान करने के लिए आर जी ई एम एम के तहत लाया गया है
- लघु निवेशकों को लाभ के लिए उस वर्ष में जिसमें कर दावे किए गए हो निवेश किस्तों में अनुमत है
- निवेशक के लिए कुल अब रूठता अवधि 3 वर्ष होगी जिसमें 1 वर्ष की प्रारंभिक सर्वव्यापी अवधि शामिल हैं!
योजना के व्यापक प्रधान और इसके अंतर्गत टैक्स लाभ आयकर अधिनियम 1961 की एक नई धारा 80G के रूप में बीत अधिनियम 2012 के द्वारा संशोधित के अनुसार पहले ही समाविष्ट कर दिए हैं सेबी के द्वारा 6 दिसंबर 2012 को परिचालन दिशा निर्देश जारी किए गए हैं!