मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्ड (Inflation Indexed Bond) क्या है

मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्ड (Inflation Indexed Bond) क्या है

निवेशकों की कमाई को मुद्रास्ति की मार से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के inflation इंडेक्स बॉन्ड जारी करने की योजना है जिसकी घोषणा बजट 2013-14 में की गई थी सरकार को उम्मीद है कि इससे सोना खरीदने के बजाय वित्तीय बचत को बढ़ावा मिलेगा हाल के वर्षों में कर्जा पर निवेश की दर मुद्रा स्फीति बचत को खा रही है इसीलिए मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्ड एक ऐसा रिटर्न देता है जो हमेशा महंगाई से ज्यादा होता है इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि मुद्रा स्फीति में से बचत का मूल्य खत्म ना हो जाए!

2013-14 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो बॉन्ड जारी किए थे एक जून 2013 में जो कि डब्ल्यू पी आई के साथ जुड़ा था जिसका खुदरा रिस्पांस बहुत कमजोर था और दूसरा सितंबर 2013 में जोकि सीपीआई के साथ जुड़ा था दूसरे को इन्फ्लेशन इंडेक्स नेशनल सेविंग सिक्योरिटीज कहते हैं जिसकी अवधि 10 साल की होती है इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्फ्लेशन लिंक  सिक्योरिटी के रूप में जाना जाता है!

1997 में भारत में पहली बार इन्फ्लेशन इंडेक्स बॉन्ड जारी किए गए जिसे कैपिटल इंडेक्स बॉन्ड कहा गया लेकिन इन दोनों गुंडों के बीच एक अंतर है जहां सीआईडी किसी नए उत्पाद के मूलधन को सिर्फ मुद्रास्फीति सुरक्षा प्रदान करता है वहीं आरबीआई मूलधन और ब्याज भुगतान दोनों को मुद्रा स्फीति सुरक्षा देता है!

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